"जब महावतार नरसिंह ने तोड़ी धर्म की दीवारें: मुस्लिम दर्शकों ने कहा– आस्था और गहरी हुई"

महावतार नरसिंह: आस्था की सार्वभौमिक पुकार

“इसने मुस्लिम दर्शकों को अपनी आस्था में और मजबूत महसूस कराया” — ये शब्द अश्विन कुमार द्वारा फिल्म महावतार नरसिंह पर Muslim दर्शकों की प्रतिक्रिया बताने के लिए कहे गए हैं 

 


धर्म नहीं, आस्था का उत्सव

अश्विन कुमार ने स्पष्ट किया है कि यह कोई पारंपरिक धार्मिक फिल्म नहीं है, बल्कि एक अंतर–धार्मिक आस्था फिल्म है। इसका उद्देश्य धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि आस्था का सार समझाना है: चाहे आप ईश्वर को मानते हों, ऊर्जा पर भरोसा रखते हों, या ब्रह्मांड में विश्वास करते हों, यह फिल्म बस आपसे उस विश्वास को आत्मसात करने का आग्रह करती है 

 Muslim दर्शकों की प्रतिक्रिया: विश्वास में वृद्धि

फिल्म देखने के बाद, कई Muslim दर्शक अश्विन कुमार से मिले और बताया कि इसने उनकी व्यक्तिगत आस्था को और मजबूत किया। “मैं यह नहीं कह रहा कि आप अपना धर्म बदलिए, पर यह समझिए कि आस्था क्या होती है…” — इस भावनात्मक प्रतिक्रिया ने इस फिल्म को एक नई पहचान दी 



 बॉक्स ऑफ़िस पर सफ़लता

महावतार नरसिंह ने भारतीय एनिमेशन में नया इतिहास रचा है। रिलीज़ से मात्र 15 दिनों में इसने ₹175 करोड़ की कमाई कर भारत की अब तक की सबसे बड़ी कमाई करने वाली एनिमेटेड फिल्म बन गई। इस सफलता ने कला की सीमाओं को पार करते हुए दर्शकों के दिलों में गहरा प्रभाव छोड़ा है।

एक आध्यात्मिक अनुभव: थियेटर से मंदिर तक का सफर

कुछ थिएटरों में फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान ऐसा माहौल बना कि दर्शकों ने मंदिर जैसी भक्ति भाव से फिल्म देखी—शूज़ उतारे, मंत्र पढ़े, आरती जैसी गतिविधियाँ की गईं। यह दिखाता है कि कैसे महावतार नरसिंह ने सिनेमाघरों को आध्यात्मिक स्थलों में परिवर्तित किया 

भारतीय एनिमेशन उद्योग को दी एक नयी दिशा

अश्विन कुमार ने इस फिल्म की सफलता को एक “दृढ़ विश्वास” और “दृढ़ संकल्प”—भरे प्रयास–के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि इसने यह संदेश भी दिया कि कम बजट में भी अनकही कथा को खूबसूरती से जीवंत किया जा सकता है, और दृढ़ इच्छा हो तो एनिमेशन Live -Action  से भी ऊपर हो सकता है 


एक मिले झूले विश्वास की कहानी

महावतार नरसिंह ने न केवल पारंपरिक धार्मिक सीमाओं को पार किया, बल्कि यह साबित किया कि आस्था—वह चाहे किसी धर्म की हो या फिर किसी विश्वास की—एक सार्वभौमिक है। Muslim दर्शकों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि जब कोई फिल्म प्रेम, विश्वास और समर्पण जैसे भावनात्मक पहलुओं को खूबसूरती और ईमानदारी से पेश करती है, तो वह किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं रहती—वह सभी वर्गों तक पहुँचती है।

क्या आपने भी यह फिल्म देखी है? यदि हाँ, तो आपका अनुभव कैसा रहा—कृपया बताइए।

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